जदयू के केसी त्यागी ने कहा कि ‘किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी, जिन्होंने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी के प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दिया था, ने बुधवार को ‘गौरक्षकों’ की आलोचना की और उनके कार्यों को ‘असंवैधानिक’ बताया।
त्यागी का यह बयान हरियाणा में गाय से संबंधित ‘गौरक्षकों’ की दो घटनाओं पर आक्रोश के बीच आया है, जहां जदयू की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में है और अक्टूबर में चुनाव होने हैं।
पीटीआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “वे (गौरक्षक) जो कर रहे हैं, वह असंवैधानिक है। यह हमारे संविधान के बिल्कुल खिलाफ है, जो हमें स्वतंत्रता का अधिकार देता है। अगर किसी को कोई समस्या है, तो उसे पुलिस थानों में शिकायत करनी चाहिए। कोई संगठन पुलिस बल की तरह कैसे काम कर सकता है?” त्यागी ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ साल पहले इसी तरह का रुख अपनाने की बात भी याद दिलाई। हरियाणा के फरीदाबाद में 23 अगस्त को आगरा-दिल्ली हाईवे पर गौरक्षकों ने 19 वर्षीय छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में पता चला कि हमलावरों ने पीड़ित की कार पर यह सोचकर गोली चलाई कि उसमें मवेशी तस्कर सवार हैं, जिनके बारे में उन्हें सूचना मिली थी।
कार का पीछा करने और उस पर गोली चलाने के आरोप में पांच संदिग्ध पुलिस हिरासत में हैं, जिसके परिणामस्वरूप लड़के की मौत हो गई। 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम कार्यकर्ता की पांच लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी, क्योंकि उन्हें संदेह था कि वह गोमांस खा रहा है। दो नाबालिग लड़कों सहित सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा, जो 2014 से ही सत्ता में है, पहले से ही सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है, विपक्ष के हमले का शिकार हो गई है। कांग्रेस के राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने भगवा पार्टी पर ‘नफरत को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके सत्ता की सीढ़ियाँ चढ़ने’ का आरोप लगाया है।
मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने इन हमलों को हरियाणा में चुनाव से पहले ‘सांप्रदायिक लामबंदी’ करने का प्रयास बताया है।