नीट यूजी मामले में एक याचिकाकर्ता ने कहा कि आईआईटी मद्रास का डाटा एनालिस्ट रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं है क्योंकि आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामाकोटी, नीट परीक्षा का आयोजन करने वाली सरकारी एजेंसी एनटीए के भी सदस्य हैं। ऐसे में हितों का टकराव संभव है।
Table of Contents
नीट यूजी परीक्षा के कथित पेपरलीक मामले पर आईआईटी मद्रास ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सरकार ने बताया कि इस रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली नीट यूजी परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है। आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं और नीट मामले में याचिका दायर करने वाले एक याचिकाकर्ता ने आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट पर सवाल उठाए। इस मामले में हितों के टकराव का मामला भी उठा, लेकिन परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए ने आरोपों से इनकार कर दिया।
आरोप पर एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में दिया ये जवाब
दरअसल नीट यूजी मामले में एक याचिकाकर्ता ने कहा कि आईआईटी मद्रास का डाटा एनालिस्ट रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं है क्योंकि आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामाकोटी, नीट परीक्षा का आयोजन करने वाली सरकारी एजेंसी एनटीए के भी सदस्य हैं। ऐसे में हितों का टकराव संभव है। इसके जवाब में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामाकोटी का एनटीए का सदस्य होना हितों का टकराव नहीं कहा जा सकता। एनटीए ने अदालत को बताया कि आईआईटी मद्रास के निदेशक एनटीए की प्रशासनिक निकाय के सदस्य हैं। एनटीए का मुख्य काम एजेंसी की प्रबंधन निकाय द्वारा किया जाता है और प्रशासनिक निकाय सिर्फ नीतिगत मामलों पर काम करती है।
एनटीए ने ये भी कहा कि आईआईटी मद्रास के निदेशक ने एनटीए की प्रशासनिक निकाय की बैठकों में शामिल होने के लिए एक अन्य प्रोफेसर को नियुक्त किया था, लेकिन वे प्रोफेसर भी बीते साल दिसंबर से एनटीए की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे थे। वी कामाकोटी ने भी दिसंबर 2022 के बाद से एनटीए की किसी बैठक में शिरकत नहीं की है। ऐसे में हितों का टकराव का आरोप गलत है।
आईआईटी मद्रास ने अपनी रिपोर्ट में नीट में धांधली की आशंका को किया था खारिज
गौरतलब है कि आईआईटी मद्रास ने नीट यूजी डाटा मामले पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में आईआईटी मद्रास ने परीक्षा में धांधली की आशंका को खारिज किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया।