भगदड़

‘सत्संग’ में शामिल होने वाली एक महिला ने बताया कि यह आयोजन स्थानीय गुरु के सम्मान में किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से महिलाओं और तीन बच्चों समेत कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई।

भगदड़ ‘सत्संग’ (प्रार्थना सभा) के दौरान हुई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्राप्त तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कई शवों को बसों और टेम्पो में भरकर लाया जा रहा है, जबकि उनके परिजन रो रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर संज्ञान लिया है और उनके निर्देश पर घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है।

एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया, “हमें 27 शव मिले हैं, जिनमें से 25 महिलाएं और दो पुरुष हैं। कुछ घायलों को भी अस्पताल ले जाया गया है। हमने सुना है कि ‘सत्संग’ के दौरान भगदड़ मची थी, लेकिन हमारे पास इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।” एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में मची भगदड़ में मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं।

श्री कुमार ने बताया, “अब तक 27 शव अस्पताल भेजे जा चुके हैं, जिनमें 23 महिलाएं और तीन बच्चे हैं।”

सत्संग में शामिल एक महिला ने बताया कि यह स्थानीय गुरु के सम्मान में आयोजित किया गया था और जैसे ही भीड़ वहां से जाने लगी, भगदड़ मच गई।

दो राज्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह गांव के लिए रवाना हो गए हैं और पुलिस महानिदेशक को भी वहां भेजा गया है।

मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया है। समिति का गठन कर दिया गया है और इसकी अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा) और अलीगढ़ आयुक्त करेंगे।

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