17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची मूर्ति, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में किया था, सोमवार दोपहर को ढह गई।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि सिंधुदुर्ग जिले में एक दिन पहले ढही छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति नौसेना ने बनवाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने अब उसी स्थान पर मराठा योद्धा राजा की बड़ी मूर्ति लगाने का फैसला किया है।
17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची मूर्ति, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में किया था, सोमवार दोपहर को ढह गई।
पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “प्रतिमा के निर्माण की देखरेख राज्य सरकार ने नहीं बल्कि नौसेना ने की थी। प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों ने स्थानीय महत्वपूर्ण कारकों, जैसे तेज़ हवा की गति और इस्तेमाल किए गए लोहे की गुणवत्ता को अनदेखा किया होगा। समुद्री हवाओं के संपर्क में आने के कारण प्रतिमा में जंग लगने की संभावना अधिक हो गई होगी।” वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि अब सवाल यह है कि प्रतिमा बनाने वालों ने इसे बनाने से पहले इन सभी कारकों को समझा था या नहीं। उन्होंने कहा, “हमारा संकल्प है कि उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक बड़ी प्रतिमा बनाई जाए।” उन्होंने कहा कि प्रतिमा गिरने की घटना की जांच चल रही है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों द्वारा राज्य सरकार पर निशाना साधने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, “प्रतिमा का गिरना दुखद है, लेकिन विपक्षी दलों का इस पर रुख अप्रिय है। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसे उथला माना जाएगा।” सोमवार को मूर्ति गिरने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति के कारण यह घटना हुई।
राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री रवींद्र चव्हाण ने सोमवार को कहा कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने मूर्ति पर जंग पाया है और नौसेना को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। स्थानीय पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ सिंधुदुर्ग जिले के एक पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज किया है।
विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले जल्दबाजी में मूर्ति स्थापित की गई। उमर अब्दुल्ला