केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि देश में स्नातक मेडिकल सीटें 51,348 से बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गई हैं।
नई दिल्ली:
सरकार द्वारा संसद में साझा की गई जानकारी से पता चलता है कि 2014 के बाद से देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर 731 हो गई है।
मंत्री ने यह भी कहा कि देश में स्नातक मेडिकल सीटें भी 51,348 से बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गई हैं। स्नातक सीटों में 118 प्रतिशत और स्नातकोत्तर सीटों में 133 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत 2024-25 के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मंत्री ने कहा कि, “देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे। अब इनकी संख्या 731 हो गई है। इसके अलावा, स्नातक मेडिकल सीटें भी 51,348 से बढ़कर 1.12 लाख हो गई हैं, जो 118 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जबकि स्नातकोत्तर सीटों में 133 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।” लोगों के स्वास्थ्य को नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना चलाई जा रही है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने मंत्री के हवाले से कहा, “वर्ष 2013-14 में स्वास्थ्य बजट 33,278 करोड़ रुपये था, आज उस बजट को बढ़ाकर 90,958 करोड़ रुपये कर दिया गया है। पहली एनडीए सरकार (अटल बिहारी वाजपेयी सरकार) से पहले देश में सिर्फ एक एम्स था, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान छह एम्स खोले गए। मोदी सरकार के पिछले 10 सालों में 22 एम्स स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 18 चालू हैं और चार निर्माणाधीन हैं।”
“आयुष्मान भारत योजना के तहत करीब 12 करोड़ परिवारों यानी 55 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। करीब 1.73 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं। मुफ्त दवाइयां और जांच समेत अन्य स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं देने वाली इस योजना ने देश में ‘आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च को 62 फीसदी से घटाकर 47.1 फीसदी कर दिया है।”